धुंधली यादों में कुछ ,साये
बदले मौसम जब याद आये
कहने की तो बात नहीं है
हम सब हैं कुछ खोते आये
तेज़ भागती दुनिया में सब
आगे पीछे होते जाएँ
वक़्त कहीं तो चला गया वो
चलते थे जब साथ में साये
ऐसे ही बदलेगी दुनिया
बदलेंगे सब रिश्ते नाते
हाँ लेकिन देखा था हमने
जो रह रह कर याद है आये
बदले मौसम जब याद आये
कहने की तो बात नहीं है
हम सब हैं कुछ खोते आये
तेज़ भागती दुनिया में सब
आगे पीछे होते जाएँ
वक़्त कहीं तो चला गया वो
चलते थे जब साथ में साये
ऐसे ही बदलेगी दुनिया
बदलेंगे सब रिश्ते नाते
हाँ लेकिन देखा था हमने
जो रह रह कर याद है आये
दीप जी इस मौलिक रचना के लिए मेरी बधाई स्वीकारें...
ReplyDeleteनीरज
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...यूँ ही यादों के साये घेर लेते हैं ..
ReplyDeletewow bahut khoob
ReplyDeleteyado k saye kuchh is tarah se aye..........waah kya bat h. :)
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
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