Saturday, April 24, 2010

तू जो कहे ...

तू जो कहे तो सुबह को शाम करदूं
तेरे हंसी के लिए रोने का काम करलू
इतना असर है तेरी सक्शियत का मुझ पर
तेरी ख़ुशी के लिए ज़ा भी कुर्बान करदूं

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